अपने खून से लिख गए बेगानों की तकदीर


अपने खून से लिख गए बेगानों की तकदीर

विश्व रक्तदाता दिवस पर रैडक्रास भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन
 
Hisar Media Junction

हिसार। भारतीय रैडक्रास सोसायटी एवं राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन जैसी कई संस्थाएं लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही हैं। परंतु इनके प्रयास तभी सार्थंक होगे जब लोग स्वयं आगे आएंगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी रक्तदान के लिए जागरूक करेंगे। लोगों को यह भी समझने की जरूरत है कि रक्तदान हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है, क्योंकि रक्तदान से कैंसर एवं हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के खतरे बहुत कम हो जाते हैं। यह बात जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. डीएस सैनी ने जिला रैडक्रास सोसायटी के परिसर में आयोजित रक्तदान शिविर के उद्घाटन उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं हो सकता। रक्त ऐसी सौगात है जिसे जरूरत पडऩे पर एक व्यक्ति ही दूसरे जरूरतमंद व्यक्ति को दे सकता है। रक्तदान के माध्यम से ऐसे हजारों-लाखों व्यक्तियों के जीवन को बचाया जा सकता है जो दुर्घटना या किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए हर स्वस्थ व्यक्ति को अपने जीवन में नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। अपने खून से लिख गए बेगानों की तकदीर
उन्होंने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, जिसकी आयु 18 से 65 वर्षं के बीच हो, रक्तदान कर सकता है। जिस व्यक्ति के रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा 12 प्रतिशत से अधिक हो वह भी रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान का जितना फायदा जरूरतमंद को होता है उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले व्यक्ति को मिलता है। एक शोध के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर व हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा भी कई गुणा कम हो जाता है। यही नहीं, ऐसा करने से हमारे खून में केलोस्ट्रॉल जमा नहीं होता। इसलिए रक्तदान हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद होता है।

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