कैसा एजुकेशन सिस्टम चाहते हैं आप, सरकार ने मांगी है राय, आप भी जरुर दीजिएगा
नई शिक्षा नीति पर सरकार को जरुर दें अपने सुझाव
संदीप कम्बोज। मीडिया जंक्शन
हिसार। भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का प्रारूप तैयार किया है। इस प्रारूप में देश में नई शिक्षा व्यवस्था लागू करने के मद्देनजर शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन सुझाए गए हैं। इस शिक्षा नीति का प्रारूप पब्लिक डिसक्शन के लिए शिक्षाविदों एवं आम जनता के बीच रखा है। भारत की शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने तथा नई पीढ़ी को भविष्य की चुनौतियों के लिए और बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए जागरूक नागरिक इस नीति पर अपने विचार व सुझाव अवश्य रखें। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा आज शुक्रवार को यहां लघु सचिवालय स्थित प्रशासनिक सभागार में शिक्षा विभाग की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं और फैंसले नीतिगत होते हैं। इसलिए यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि बेहतर नीति निर्धारण में हम अपना योगदान दें और जब सरकार भविष्य के लिए नीति बना रही होती है तो उस दौरान उसमें हम अपने सुझाव देकर इस और बेहतर बनाने में मदद करें। उनहोंने कहा कि शिक्षा विभाग ने सक्षम कार्यक्रम में बहुत अच्छा काम किया है और आशा है कि सक्षम प्लस में भी विभाग और बेहतर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह को निर्देश दिए कि वे ड्राफ्ट पॉलिसी के सातों चैप्टर पर सुझाव देने के लिए शिक्षाविदों की सात वर्किंग कमेटी बनाएं। जिसमें विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रख सके। सर्वोच्च न्यायालय ने भी शिक्षा के अधिकार को जीवन के अधिकार के साथ समायोजित किया है। इसलिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी होनी चाहिए। यही इस नई शिक्षा नीति का सार है। पहले शिक्षा नीति मात्र शिक्षा विभाग द्वारा ही बनाई जाती थी परन्तु इस बार इस नीति को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय तीनों ने एक साथ मिलकर इसका प्रारूप तैयार किया है। इस अवसर पर सभी स्कूलों के प्रार्चाय एवं वरिष्ठï शिक्षा विद उपस्थित थे।
जानें कैसा होगा नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने उपस्थित लोंगों को ड्राफ्ट एजूकेशन पॉलिसी में वर्णित मुख्य बिंदूओं को संक्षेप में बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति पांच जमा तीन जमा तीन जमा चार के आधार पर नई शिक्षा प्रणाली लागू करेगी, जिसमें प्राथमिक शिक्षा के साथ आंगनवाड़ी केंद्रो को समायोजित किया जाएगा ताकि इन केंद्रो में पढऩे वाले बच्चों को फाऊडेंशन कोर्स में शामिल किया जा सके। इसके लिए आंगनवाड़ी सहायकों की 6 महीने की एक्सटेनसिव ट्रेंनिग करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 वर्ष तक के बच्चों का बौद्धिक विकास 85 प्रतिशत तक हो चुका होता है। इसलिए इस उम्र तक नई भाषा बड़ी जल्दी सीखी जाती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राथमिक कक्षा तक विद्यार्थियों को दो भाषा, छठी से आठवीं कक्षा तक तीन भाषाएं तथा नौवीं में एक विदेशी भाषा सिखाने का प्रावधान किया गया है।
नौंवीं कक्षा में भी होगी बोर्ड परीक्षा
इसके साथ-साथ बोर्ड की परीक्षा को भी पुर्नगठित किया गया है। इसमें नौंवी कक्षा में भी बोर्ड की परीक्षा होगी। शिक्षकों की पदोन्नति को भी मैरिट के आधार पर किया जाएगा। सभी स्कूल परिसर आधुनिक बनाए जाएंगें, जिसमें विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 10 लाख नए शिक्षक भर्ती किए जाने का भी प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए चार वर्षीय बीएड कोर्स भी प्रस्तावित है। शिक्षा नीति में शिक्षा के आधार को बारहवीं कक्षा तक किया जाएगा।
0 Comments