धान की खेती छोड़ो, प्रति एकड़ 7 हजार पाओ


    हरियाणा सरकार ने लॉच की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना 


संदीप कम्बोज। हरियाणा मीडिया जंक्शन 
चंडीगढ़। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना लॉच की है जिसके तहत धान की खेती की जगह पर कोई और फसल बीजने वाले किसानों को 7 हजार रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन दिया जाएगा।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से अपील की है कि वे जिस प्रकार आने वाली पीढ़ी के लिए अपनी जमीन को विरासत के रूप में छोड़ कर जाते हैं, उसी प्रकार पानी को भी विरासत मान कर चलें, तभी जमीन भावी पीढ़ी के लिए उपयोगी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश का कुछ हिस्सा डार्क जोन हो चुका है, जिसमें 36 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां पिछले 12 वर्षों में भू-जल स्तर में पानी की गिरावट दुगनी हुई है अर्थात जहां पहले पानी की गहराई 20 मीटर थी, वो आज 40 मीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि जहां  पानी की गहराई 40 मीटर से ज्यादा हो गई है और ऐसे 19 ब्लॉक हैं, लेकिन 11 ब्लॉक ऐसे हैं  जिसमें धान की फसल नहीं होती है। परंतु 8 ब्लॉक नामत: रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद व सिरसा ऐसे हैं जहां भू-जल स्तर की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है और धान की बिजाई होती है ऐसे ही क्षेत्रों को इस योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत के अधीन भूमि, जहां भूमि जल स्तर 35 मीटर से ज्यादा है, उन ग्राम पंचायतों को पंचायती जमीन पर धान लगाने की अनूमति नहीं होगी। प्रोत्साहन राशि सम्बंधित ग्राम पंचायत को ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन ब्लॉक के अलावा भी यदि बाकी ब्लॉक के किसान भी धान की बुआई करना छोडऩा चाहते हैं तो वे पूर्व में सूचना देकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे कि मक्का, अरहर, उड़द, ग्वार, कपास, बाजरा, तिल व ग्रीष्म मूंग (बैशाखी मूंग) की बुआई करने के प्रति अपना मन बनाएं। इससे भावी पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मक्का की बिजाई के लिए आवश्यक कृषि यंत्रों की भी व्यवस्था की जाएगी। मंडियों में मक्का के लिए ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी। धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के साथ-साथ यदि किसान सूक्ष्म सिंचाई टपकन सिंचाई प्रणाली अपनाते हैं तो 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को मक्का के उत्तम गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाने के लिए कुछ कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने किसानों को आवश्वासन दिया कि सरकार मक्का व दालों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की इस योजना की अधिक से अधिक किसानों को जानकारी मिले, इसके लिए इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और एक वेब पोर्टल भी बनाया जाएगा जिस पर कठिनाइयों को हल करने के लिए जानकारी दे सकेंगे।
       

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