चीन को बॉय-बॉय कर हरियाणा में स्थापित होंगी कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां, आएगी नौकरियों की बाढ़




संदीप कम्बोज। हरियाणा मीडिया जंक्शन 
चंडीगढ़। दुनियाभर में कोरोना जैसी खतरनाक जानलेवा महामारी फैलाने वाले चीन के अब बुरे दिन शुरु होने वाले हैं। चीन को सबक सीखाने के लिए कई देशों ने चीन से अपनी प्रतिष्ठित कंपनियों के पलायन का मन बना लिया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को होने वाला है। क्योंकि चीन का पड़ोसी देश होने के नाते ऐसी बड़ी कंपनियां अब भारत में पलायन करने की तैयारी में हैं जिसके लिए बातचीत का दौर शुुर हो गया है। अमेरिकी उद्योगपतियों की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद अब कई विदेशी निवेशकों की हरियाणा सरकार से भी बातचीत चल रही है। ऐसे ही कल यहां हुई एक बैठक में विनिर्माण को चीन से हरियाणा में स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के साथ-साथ आज यहां कई निवेशकों के साथ हुई वेबिनार श्रृंखला के पहले दिन ऐसे कई क्षेत्रों, जिनकी आपूर्ति श्रृंखला कोरोना महामारी के चलते बाधित हो गई है, में कारोबार को बढ़ावा देने के मद्देनजर कई सुझाव दिए गए। इस वेबिनार में डेल, याजाकी इंडिया, डैनिस्को इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जॉनसन मैथेय इंडिया, ज्योति अपैरल्स, हिंद टर्मिनल्स यूएई, एसेंडस फर्स्ट स्पेस, रिलायंस और कोका-कोला इंडिया जैसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया तथा इसमें भाग लेने वाली कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। ह्यह्यवेबिनारह्णह्ण के दौरान सरकार की उन विशेष नीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई, जो विनिर्माण इकाइयों के तत्काल स्थानांतरण के लिए हरियाणा को एक व्यवहार्य गंतव्य बनाएंगी। उद्योगपतियों द्वारा दिए गए विभिन्न सुझावों में आईटी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करना, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के विनिर्माण पर उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए इन वस्तुओं को भारत सरकार की आईटी एवं ईएसडीएम नीति में शामिल करना और राज्य में ट्रकर्स पार्क विकसित किया जाना शामिल है। भूमि की खरीद में शामिल लागत पर उद्योग की चिंता को समझते हुए, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (ऌरककऊउ) के चेयरमैन एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने आश्वासन दिया कि राज्य की पट्टे पर भूमि लेने की एक पथ-प्रदर्शक नीति लाने की योजना है, जिसके अनुसार निवेशक पट्टे पर ली गई जमीन पर काम करेंगे और कुछ समय बाद यह जमीन कुछ शर्तों के साथ एक फ्री-होल्ड परिसम्पत्ति में परिवर्तित हो जाएगी। हरियाणा में कारोबार की लागत में कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल को निवेशकों से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इस वेबिनार में उद्योग जगत से शामिल हुए प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ लाभप्रद चर्चा की गई और एचएसआईआईडीसी के प्रबन्ध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल ने सबका धन्यवाद किया। यह वेबिनार 7 और 8 मई को भी चलेगा, जिससे इस कठिन समय में उभरने और देश में औद्योगिक पावरहाउस के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

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