मोडाखेड़ा में किसानों को बताए सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम के फायदे
बागवानी विभाग जिला के 10 गांवों में आयोजित करेगा जागरूकता कार्यक्रम
Hisar Media Junction
हिसार। बागवानी विभाग ने गांव मोडाखेड़ा में किसानों को पानी के उचित इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने को एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने पर सरकार व विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता की भी जानकारी दी गई। जिला में 10 जागरूकता कार्यक्रमों के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बागवानी विभाग का यह चौथा कार्यक्रम था। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिहाग ने जागरूकता कार्यक्रम में किसानों को पानी बचाने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों को टपका सिंचाई व फव्वारा सिंचाई से कम पानी में अधिक पैदावार लेने की तकनीक के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा टपका सिंचाई प्रणाली लगवाने पर सरकार 60 से 85 प्रतिशत अनुदान राशि भी किसानों को दे रही है।उन्होंने कहा कि आदमपुर खंड में पानी की कमी के मद्देनजर किसानों को अपने खेत में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए ताकि वे कम पानी से अधिक भूमि की सिंचाई कर सकें। इसके साथ-साथ किसानों को फल-फूल एवं सब्जियों की खेती करनी चाहिए ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती करने पर भी किसानों को सरकार की ओर से अनुदान प्रदान किया जाता है।
मोडाखेड़ा में किसानों को बताए सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम के फायदे
सदलपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सहायक वैज्ञानिक डॉ. विकास हुड्डïा ने किसानों को इस समय भिंडी एवं बेल वाली सब्जियों की काश्त करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों को सब्जियों में खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि ऑरगेनिक सब्जी की ओर रुख करना चाहिए। डॉ. राजेंद्र लाठर ने उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही एससीएसपी, गैप व एमआईडीएच योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उनसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली व फव्वारा सिंचाई अपनाने पर जोर दिया। डॉ. विक्रम सिंह व जैन इरिगेशन कंपनी के प्रतिनिधि आशीष ने भी किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली व इसके रखरखाव के संबंध में व्यापक जानकारियां दीं।
बागवानी विभाग जिला के 10 गांवों में आयोजित करेगा जागरूकता कार्यक्रम
Hisar Media Junction
हिसार। बागवानी विभाग ने गांव मोडाखेड़ा में किसानों को पानी के उचित इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने को एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने पर सरकार व विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता की भी जानकारी दी गई। जिला में 10 जागरूकता कार्यक्रमों के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बागवानी विभाग का यह चौथा कार्यक्रम था। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिहाग ने जागरूकता कार्यक्रम में किसानों को पानी बचाने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों को टपका सिंचाई व फव्वारा सिंचाई से कम पानी में अधिक पैदावार लेने की तकनीक के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा टपका सिंचाई प्रणाली लगवाने पर सरकार 60 से 85 प्रतिशत अनुदान राशि भी किसानों को दे रही है।उन्होंने कहा कि आदमपुर खंड में पानी की कमी के मद्देनजर किसानों को अपने खेत में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए ताकि वे कम पानी से अधिक भूमि की सिंचाई कर सकें। इसके साथ-साथ किसानों को फल-फूल एवं सब्जियों की खेती करनी चाहिए ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती करने पर भी किसानों को सरकार की ओर से अनुदान प्रदान किया जाता है।
मोडाखेड़ा में किसानों को बताए सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम के फायदे
सदलपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सहायक वैज्ञानिक डॉ. विकास हुड्डïा ने किसानों को इस समय भिंडी एवं बेल वाली सब्जियों की काश्त करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों को सब्जियों में खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि ऑरगेनिक सब्जी की ओर रुख करना चाहिए। डॉ. राजेंद्र लाठर ने उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही एससीएसपी, गैप व एमआईडीएच योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उनसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली व फव्वारा सिंचाई अपनाने पर जोर दिया। डॉ. विक्रम सिंह व जैन इरिगेशन कंपनी के प्रतिनिधि आशीष ने भी किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली व इसके रखरखाव के संबंध में व्यापक जानकारियां दीं।
1 Comments
very good
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