नाबालिग बच्ची को आश्रय देने से इंकार करने वाले शैशव कुंज आश्रम पर शिंकजा



नाबालिग बच्ची को आश्रय देने से इंकार करने वाले शैशव कुंज आश्रम पर शिंकजा 
 हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपनाया कड़ा रूख
चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने नाबालिग बच्ची को दिलवाया आश्रय 



मीडिया जंक्शन समाचार 
हिसार। हिसार के कैमरी रोड स्थित बाल आश्रम शैशव कुंज द्वारा नाबालिग लड़की को आश्रय न देने पर हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा रूख अपनाया है। आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने शैशव कुंज का दौरा किया और आश्रम के प्रबंधों व कार्यों की जांच की। चेयरपर्सन ने जांच में शैशव कुंज में नियमों का पालन नहीं होना पाया गया और आश्रम में जो सुविधाएं और व्यवस्था होनी चाहिए, वे सुविधाएं और व्यवस्था वहां नहीं मिली। गौरतलब है कि गत 9 जून को अग्रोहा थाना द्वारा सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) दफ्तर में साढ़े 17 साल की लड़की को पेश किया गया, चूंकि लड़की नाबालिग थी और माता-पिता के साथ जाने से मना कर रही थी, इसलिए जेजे एक्ट के अंतर्गत सीडब्ल्यूसी ने लडकी को शैशव कुंज भेजने के आदेश जारी किए। जब पुलिस आॅर्डर सहित लड़की को लेकर शैशव कुंज गई तो, वहां पर लड़की को रखने से मना कर दिया गया। अगले दिन भी यही घटनाक्रम जारी रहा। मामले की सूचना हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मिली तो आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने तुरंत इस पर एक्शन लिया और बुधवार देर सायं शैशव कुंज का निरीक्षण किया। चेयरपर्सन के आदेशानुसार आश्रम में लड़की को आश्रय दिया गया।आयोग की चेयरपर्सन ने निरीक्षण के दौरान स्टाफ रजिस्टर व अन्य रिकॉर्ड चेक किया और उसमें कई प्रकार की कमियां पाई गई। अधीक्षक और होम फादर मौके पर मौजूद नहीं पाए गए और बिजली व्यवस्था भी सुचारू नहीं पाई गई। चेयरपर्सन ने कहा कि कोई भी आश्रम नियमानुसार किसी को भी आश्रय देने के लिए मना नहीं कर सकता। आश्रम में नियमानुसार सुविधाओं का होना भी जरूरी है, ऐसा न होने पर आश्रम के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। आयोग की चेयरपर्सन ने बताया कि शैशव कुंज में मिली अनियमितता पाए जाने पर आयोग कड़ा संज्ञान लेगा और नियमानुसार इस पर कार्रवाई भी की जाएगी। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन पुनीत गर्ग और सदस्या अनुपमा अग्रवाल भी मौजूद रहीं।


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